भारत ने ICRISAT के माध्यम से अरहर की उपज में 30% वृद्धि का लक्ष्य रखा


भारत सरकार ने अरहर की उपज में वृद्धि करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, भारतीय कृषि मंत्रालय ने International Crops Research Institute for the Semi-Arid Tropics (ICRISAT) के साथ गहनता से सहयोग किया है। ICRISAT एक अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है जो अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में फसलों के अनुसंधान पर केंद्रित है। इस सहयोगी संबंध का मुख्य उद्देश्य भारत में अरहर की उत्पादन में 30% वृद्धि करना है।

अरहर दाल भारतीय खाद्य पदार्थों में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह एक पौष्टिक और प्रोटीन संपन्न दाल होती है और अन्न और प्रोटीन की प्राथमिकता रखने वाले देशों में उपयोग होती है। इसकी मांग बढ़ रही है, लेकिन उत्पादन में कमी के कारण दाल की कीमतों में वृद्धि हो रही है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए भारत सरकार ने ICRISAT के साथ सहयोग किया है।

ICRISAT के विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में, भारत सरकार ने कृषि तकनीकों, बीजों, पैदावार विधियों, उर्वरकों, खादों और समुदायिक संगठनों के लिए नवीनतम अद्यातन और तकनीकी ज्ञान प्रदान करने के लिए कई पहलों की शुरुआत की है। इसके साथ ही, किसानों को अरहर की उत्पादन को बढ़ाने के लिए सुरक्षित और वृद्धि करने वाले तकनीकी उपकरणों और कृषि मशीनरी का उपयोग करने की शिक्षा भी दी जाएगी।

यह महत्वपूर्ण कदम भारतीय किसानों के लिए बड़ी सफलता साधा सकता है। नवीनतम तकनीकों के अनुसरण करने से उन्हें बेहतर बीज, प्रभावी पेशेवरी, पेयजल प्रबंधन, उर्वरक प्रबंधन और कीटनाशकों का उपयोग करने की ज्ञान मिलेगा। इससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों की आय और जीवनयापन में भी सुधार होगा।

इस सहयोगी संबंध के माध्यम से, भारत सरकार और ICRISAT द्वारा नवीनतम तकनीकों के उपयोग से अरहर की उपज में 30% वृद्धि करने का लक्ष्य रखा गया है। यह लक्ष्य भारतीय किसानों के लिए बड़ा मानवीय और आर्थिक महत्व रखता है। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा में सुधार होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा।

भारतीय किसानों को नवीनतम तकनीकों और विज्ञान के साथ सशक्त बनाने के लिए अधिक सरकारी सहायता और अनुदानों की प्रदान की जरूरत है। साथ ही, किसानों को तकनीकी ज्ञान, प्रशिक्षण कार्यक्रम और कृषि मशीनरी का समर्थन भी प्रदान किया जाना चाहिए। यह उन्नत तकनीकों के अद्यावधिकरण को सुनिश्चित करेगा और भारतीय किसानों को विश्व स्तर पर मजबूती देगा।

अरहर की उत्पादन में 30% वृद्धि का लक्ष्य रखने से भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को नए आयाम दिए हैं। इस साथी संबंध के माध्यम से, देश में किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और विकास के पथ पर गति मिलेगी। आगामी काल में, इस सहयोगी संबंध के प्रभाव से अन्य महत्वपूर्ण फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि होगी और कृषि सेक्टर में सुधार होगा।

समर्पित कृषि प्रयासों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से, भारत अपने लक्ष्यों की ओर अग्रसर है। अरहर की उत्पादन में वृद्धि करने से, देश की खाद्य सुरक्षा बढ़ेगी और किसानों को अधिक आय का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही, कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति होगी और देश की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकेगा।